నిధుల సేకరణ 15 సెప్టెంబర్ 2024 – 1 అక్టోబర్ 2024 నిధులసేకరణ గురించి

Dharamveer Bharti Ki Lokpriya Kahaniyan (Hindi Edition)

Dharamveer Bharti Ki Lokpriya Kahaniyan (Hindi Edition)

Bharti, Dharamveer
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‘‘कुबड़ी-कुबड़ी का हेराना?’’‘‘सुई हेरानी।’’‘‘सुई लैके का करबे?’’‘‘कंथा सीबै!’’‘‘कंथा सीके का करबे?’’‘‘लकड़ी लाबै!’’‘‘लकड़ी लाय के का करबे?’’‘‘भात पकइबे!’’‘‘भात पकाय के का करबे?’’‘‘भात खाबै!’’‘‘भात के बदले लात खाबे।’’और इससे पहले कि कुबड़ी बनी हुई मटकी कुछ कह सके, वे उसे जोर से लात मारते और मटकी मुँह के बल गिर पड़ती। उसकी कुहनियाँ और घुटने छिल जाते, आँख में आँसू आ जाते और ओठ दबाकर वह रुलाई रोकती। बच्चे खुशी से चिल्लाते, ‘‘मार डाला कुबड़ी को! मार डाला कुबड़ी को!’’—इसी पुस्तक सेसाहित्य एवं पत्रकारिता को नए प्रतिमान देनेवाले प्रसिद्ध साहित्यकार एवं संपादक श्री धर्मवीर भारती के लेखन ने सामान्य जन के हृदय को स्पर्श किया। उनकी कहानियाँ मर्मस्पर्शी, संवेदनशील तथा पठनीयता से भरपूर हैं। प्रस्तुत है उनकी ऐसी कहानियाँ, जिन्होंने पाठकों में अपार लोकप्रियता अर्जित की।
వర్గాలు:
ప్రచురణకర్త:
Prabhat Prakashan
భాష:
hindi
ఫైల్:
PDF, 1.52 MB
IPFS:
CID , CID Blake2b
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